मातृ दिवस के उपलक्ष्य में एक कविता...। मातृ दिवस के उपलक्ष्य में एक कविता...।
माँ शब्द में ही है एक आस, जो देती है उम्मीद, प्यार और पूर्णता का एहसास। माँ शब्द में ही है एक आस, जो देती है उम्मीद, प्यार और पूर्णता का एहसास।
मातृ--दिवस पर समर्पित एक भाव-प्रवण कविता , जो आपके अंतरमन को गहरे तक झझकोर देने का माद्दा रखती है मातृ--दिवस पर समर्पित एक भाव-प्रवण कविता , जो आपके अंतरमन को गहरे तक झझकोर देने ...
तूने दिया जीवन तूने संवारा बचपन अनदेखा किया, हमारा अल्हड़पन। तूने दिया जीवन तूने संवारा बचपन अनदेखा किया, हमारा अल्हड़पन।
हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता…. मेरी हर मुसीबत में याद आए तू। हे माँ, तेरा मेरा ये कैसा वास्ता…. मेरी हर मुसीबत में याद आए तू।